Munshi Premchand ki rachnayen hindi me
दोस्तों साहित्य जगत के सम्राट कहे जाने वाले श्री मुंशी प्रेमचंद जी ने प्रत्येक वर्ग के पाठक को मंत्र मुक्त कर देने वाले उपन्यास साहित्य का सृजन किया उनके द्वारा रचित रचनाएं कुछ इस प्रकार हैं -:
दोस्तों प्रेमचंद जी में साहित्य सृजन की जन्मजात प्रतिमा विद्वान थी। उन्होंने अपने जीवन में लगभग एक दर्जन उपन्यास और 300 कहानियों की रचना की इनका यह साहित्यिक जनहित की भावना पर आधारित है। मुंशी प्रेमचंद जी का साहित्यिक परिचय यहां पढ़ सकते हो
Mu Munshi Premchand ki rachnay hindi mein
दोस्तों प्रेमचंद जी के लेखन का मुख्य क्षेत्र कहानी और उपन्यास था। हिंदी साहित्य संसार के वे एसे प्रथम एसे उपन्यासकार थे जिन्होंने कहानियों और उपन्यासों में मानव जीवन का चित्रण किया। प्रेमचंद जी ने कहानी, नाटक, जीवन चरित्र और निबंध के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
उनके द्वारा लिखी गई रचना इस प्रकार है -:
मुंशी प्रेमचंद जी का पहला उपन्यास
उपन्यास -:
कर्मभूमि, कायाकल्प, निर्मला, प्रतिज्ञा, प्रेमाश्रम, वरदान, सेवा सदन, रंगभूमि, गबन, गोदाम और मंगलसूत्र ।
कहानी संग्रह -:
नवनिधि, ग्राम्य जीवन की कहानियां, प्रेरणा, कफन, कुत्ते की कहानी, प्रेम प्रसून, प्रेम पच्चीसी, प्रेम चतुर्थी, मनमोदक, मानसरोवर, समर यात्रा, सप्त सरोज, अग्नि समाधि, प्रेम गंगा और सप्त सुमन ।
नाटक -:
कर्बला, प्रेम की वेदी, संग्राम और रूठी रानी
जीवन चरित्र -:
कलम, तलवार और त्याग, दुर्गादास, महात्मा शेखसादी, और राम चर्चा ।
निबंध संग्रह -:
कुछ विचार
संपादित -:
गल्प रत्न और गल्प समूचे
अनूदित -:
अहंकार, सुखदास, आजाद कथा, चांदी की डिबिया, टॉलस्टॉय की कहानियां और सृष्टि का आरंभ ।
मुंशी प्रेमचंद जी की शैलियां
वर्णनात्मक शैली -: किसी पात्र वस्तु घटना आदि का वर्णन करते समय इस शैली को प्रयुक्त किया गया है ।
विवेचनात्मक शैली -: प्रेमचंद जी ने अपने गंभीर विचारों को व्यक्त करने के लिए विवेचनात्मक शैली को अपनाया है ।
मनोवैज्ञानिक शैली -: प्रेमचंद जी ने मन के भावों तथा पात्रों के मन में उत्पन्न विचारों को चित्रित करने के लिए इस शैली को अपनाया है ।
हास्य व्यंग्यात्मक शैली -: सामाजिक विषमताओं का चित्रण करते समय इस शैली का अभूतपूर्व प्रयोग किया गया है ।
भावात्मक शैली -: काव्यात्मकता एवं अलंकारिकता पर आधारित इनकी शैली के अंतर्गत मानव जीवन से संबंधित विभिन्न भावनाओं की सशक्त अभिव्यक्ति हुई हैैl

सृष्टि का आरंभ मुझे बहुत पसंद है
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