Munshi Premchand ka pahla upanyas hindi mein
दोस्तों प्रेमचंद जी ने अपने जीवन में एक दर्जन से भी ज्यादा उपन्यासो की रचना की है परंतु रहो तो सवाल यह आता है उनका सबसे पहला उपन्यास कौन सा था आइए जानते हैं
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| Munshi Premchand ka pahla upanyas |
Munshi Premchand ka pahla upanyas
दोस्त मुंशी प्रेमचंद जी में साहित्य सृजन की जन्मजात प्रतिमा विद्वान थी। उपन्यास और कहानी के क्षेत्र में प्रेमचंद जी ने प्रत्येक वर्ग के पाठक को मंत्रमुग्ध कर देने वाले उपन्यास का सृजन किया। इसीलिए इन्हें उपन्यास सम्राट की उपाधि भी प्राप्त है।
दोस्तों मुंशी प्रेमचंद जी का सबसे पहला उपन्यास 1918 में प्रकाशित हुआ था जिसका नाम सेवासदन है दोस्तों आपको बता दें यह मूल रूप से उन्होंने उर्दू भाषा में लिखा था। जिसे उर्दू भाषा में "बाजरे-हुस्न"ना से जाना जाता था। परंतु जब इसका हिंदी में रूपांतरण हुआ तब इसे "सेवा सदन" के नाम से जाने जाना लगा।
जन्म -: 1880 ई० में
पहला उपन्यास -: सेवासदन जिसे 1918 ई० में प्रकाशित किया गया।
मृत्यु -: 1936 ई० में एक लंबी बीमारी के कारण
मुंशी प्रेमचंद जी के उपन्यास
मुंशी प्रेमचंद जी ने अपने जीवन में एक दर्जन से भी ज्यादा उपन्यासों की रचना की है जैसे-:
कर्मभूमि, कायाकल्प, निर्मला, प्रतिज्ञा, प्रेमाश्रम, वरदान, सेवा सदन, रणभूमि, गवन, गोदान और मंगलसूत्र ।
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